हे, दारू देवी तुझे प्रणाम

                           
                                          -डा. सुरेंद्र सिंह
हर चीज के दो पहलू हैं। जिससे नुकसान है, उससे फायदे भी हैं। दारू पीने के भी अनेक फायदे हैं। समाज में यह मान्यता है जिस काम को ज्यादा लोग करें, जिस रास्ते पर ज्यादा लोग चलें वह ही अच्छा है। उस पर आंख बंद कर चल सकते हैं। लौकडाउन में जरा सी ढील मिलते ही सबसे ज्यादा भीड़ दारू की दुकानों पर है। सब्जी की ठेल वाले गली-गली में मारे-मारे फिर रहे हैं, कुत्ता नहीं पूछ रहा, दूधिये पुलिस की मार खा रहे हैं लेकिन दारू लाइन लगवा कर बिक रही है, सुरक्षित तरीके से। भीड़ संभाले नहीं सभल रही , सुबह चार बजे से लाइनें लग जाती हैं।
जनता सरकार बनाती है। जनता ही सरकार चलवाती है। जब सरकार बन जाती है तो  वह जनता पर हुक्म चलाती है। सबकी जिम्मेदारी है, सरकार बनाते रहें और चलवाते रहें। सरकार चलवाने में जिसका जितना ज्यादा योगदान वह उतना ही त्यागी और समाजसेवी ! अब जब सरकार की आर्थिक कमर टूटी जा रही है तो बचाने में सबसे पहले आगे आने वाले कौन हैं? यही दारू पीने वाले। करीब दो गुनी कीमत किए जाने पर भी भाईजान अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहे। धन्य हैआपको।
एक सच्चा और आंखों देखा किस्सा है। एक अधिकारी के यहां एक पत्रकार साहब आए। आते ही हड़काते हुए बोले-‘‘ आपके कार्यालय में  पेशाब की स्मैल आ रही है’’। बड़े-बड़े पत्रकारों का अफसरों पर रौब गांठने का यही तरीका है। अफसर को काटो तो खून नहीं, तमाम लोगों के बीच शर्मिंदा होना पड़ा। उन्होंने तुरंत चपरासी को बुलाया और दो बाल्टी पानी टायलेट में गिरवाया। तब बदबू शांत हुई और पत्रकार साहब कुर्सी पर विराजमान हुए। दारू पीने वाला चाहे नाले में पड़ा रहे, चाहे उसके मुंह को कुत्ता चाटे, कोई माई का लाल उसे शर्मिंदा करके दिखादे।  वह शांत भाव से आनंदमग्न  रहता है।
इस दुनिया में लोग प्रतिस्पर्धा में मरे जा रहे हैं। रात- दिन चैन नहीं है। यह अच्छे सूट पहनता है तो मैं इससे अच्छे पहनूंगा, इसके पास यह गाड़ी है तो मुझे इससे और अच्छी मंहगी गाड़ी खरीदनी है। उसने बंगला पर वह पेंट कराया है तो वह कैसे पीछे रह सकता है। उसकी साड़ी पांच हजार की है, मेरी आठ से कम नहीं होनी चाहिए। इस जंग की कोई सीमा नहीं है। एक दारूवाज ही है जिसके लिए न ऊधो का लेन न माधो का देन। एक पौआ दे दीजिए, सारी दुनिया  जाए भाड़ में।
यहां यह बताना उद्देश्य नहीं कि यह खांसी जुकाम में फायदेमंद है, पेट का हाजमा सुधर जाता है, नींद अच्छी आ जाती है। न यह बताना कि सीमित मात्रा में लेने पर यह शुगर के लेबिल को ठीक रखती है, हृदयाघात का खतरा कम करती है, दिमाग को सक्रिय करती है, यौन शक्ति बढा़ती है, किडनी में पथरी बनने से रोकती है, तनाव कम करती है, हड्डियां मजबूत रखती है, चेहरे की सुंदरता बढ़ती है। न यह बताना कि यह कुछ कवियों की परमप्रिय रही है, छायावाद के जाने-माने कवि हरिवंश राय बच्चन को जितनी प्रसिद्धि  ‘मधुशाला’ से मिली उतनी उनकी दर्जनों कृतियों से नहीं। यहां उस शाश्वत सत्य की विवेचना है, जिस पर विरले ही दृष्टिपात करते हैं।
यह निर्वेयक्तिक है, युग युगीन है,वैदिक काल से लेकर  महाभारत और अब तक अनेक ऐतिहासिक घटनाएं इसके नाम हैं। जहां अच्छी भली शांति हो वहां यह दंगा और कत्लेआम करा देती है, लूट और ठगी के बड़े-बड़े मामलों को अंजाम देती है। तमाम पुलिसवालों, दलालों की आय की अतिरिक्त आय का श्रोत है। दारू की महिमा अपरंपार है।  हे, दारू देवी तुझे प्रणाम है।




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