चौधरी चरण सिंह को कभी गोली मारने के आदेश थे
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क्या आप जानते हैं कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को कभी देखते ही गोली मारने के आदेश थे। जी हां, यह बिल्कुल सही है। देश की आजादी के दौरान वह गांधीजी के निकट थे, उनकी नीतियों पर चलने वाले थे, उन्होंने गांधीजी के सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत हिंडन नदीं के किनारे नमक बना कर सरकार का नमक कानून तोड़ा, कांग्रेस का संगठन तैयार किया लेकिन 1942 की अगस्त क्रांति के दौरान जब ‘करो या मरो’ का नारा दिया गया, एक दौर ऐसा भी आया जबकि उन्होंने भूमिगत होकर गुप्त क्रांतिकारी संगठन बनाने का कार्य किया। तब अंग्रेज प्रशासन ने उन्हें देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। पुलिस उनके पीछे पड़ी थी, गांव-गांव उन्हें ढूंढ़ रही थी लेकिन वे गांवों में ही सभाएं कर निकल जाते थे। आखिरकार एक दिन गिरफ्तार कर लिए गए। डेढ़ साल की सजा हुई। हम यदि पूरी दुनिया की बात करें तो किसानों की राजनीति अमेरिका और रूस में भी हुई लेकिन सफल नहीं हो सकी। पर चौधरी चरण सिंह ने किसान राजनीति को इस कदर सफल किया कि उन्होंने देश की राजनीति की धारा ही बदल दी। वे न केवल इस राजनीति के बल पर प्रधानमंत्री के पद