जमाना अब शब्दवीरों का
जमाना सदा एक सा नहीं रहता। क•ाी जमाना पत्थरों और हड्डियों के बने हथियारों का था। इन्हें चलाने में जो निपुण थे, वे उस जमाने के वीर थे। वह आदिकाल था। इसके बाद तीर और तलवारों का जमाना आया। कहते हैं महा•ाारत काल में अर्जुन से बड़ा कोई धनुर्धर नहीं था। मध्यकाल में बड़े-बड़े तलवारवाज हुए उन्होंने तलवारों के बल पर तमाम देशों की नई सीमाएं बनाई और बिगाड़ी। अंग्रेजों के साथ गोला बारूद का जमाना आया। जो सैकड़ों सालों से चलते-चलते अब घिसटने रहा है। सीरिया, यमन जैसे पिछड़े देशों में जरूर इसका बोलवाला है। पाकिस्तान को •ाी इसी श्रेणी में रखा जाना चाहिए। अब नया जमाना शब्दवीरों का आ गया है। अमेरिका में ट्रंप और हिलेरी के बीच शब्दबाण चल रहे हैं। अपने यहां जिन्होंने पीओके में घुसकर खूंख्वार आतंकवादियों के अड्डे नेस्तनाबूत किए और उनकी लाशें बिछा दीं,ु उन्हें कोई माटी के मोल नहीं पूछ रहा, हरतरफ शब्दवीर छाए हैं. •ाादों में काली घटाएं जैसे पूरे वातावरण पर हावी हो जाती हैं,जो बरसती कम हैं, डराती ज्यादा हैं, वैसे ही देश और प्रदेश की राजधानियों