याददाश्त बढ़ाने का अचूक तरीका
यदि आपकी या आपके किसी बच्चे की याददाश्त कमजोर पड़ रही है , याद करने के बाद भूल जाते हैं। पढ़ने में मन नहीं लगता। चिड़चिड़ा स्वभाव हो रहा है तो संभल जाइए , आपके खाने - पीने में कोई कमी है। केवल खाने - पीने को सुधारकर आप इसे सुधार सकते हैं। किसी और चक्कर में मत पड़िए। याद करने के लिए प्रैक्टिस करनी होती है। इसमें कोई गौड गिफ्टेड नहीं होता। याददाश्त बढ़ाने के नाम पर आजकल बाजार में अनेक पेय पदार्थ और दवाएं चल निकली हैं। बहुत ही आकर्षक उनके विज्ञापन होते हैं। ऐसे - ऐसे चित्र छाप ते हैं जिससे लगता है कि यह दिमाग को वाकई दुरुस्त कर देंगी। एक दिन में सौ श्लोक याद करने की गारंटी देते हैं। वास्तव में यह पैसे ठगने का जाल होता है। आप अच्छे डाक्टरों से बात करिए तो पता चलेगा कोई ऐसी दवा नहीं है जिसे खाने से याददाश्त रातों रात बढ़ाई जा सके। याददाश्त का संबंध भोजन से है। यह कहावत ऐसे ही नहीं है , जैसा अन्न , वैसा मन। इसके पीछे हजारों सालों के वैज्ञानिक अनुभव है। याददाश्त मुख्य रूप से निर्र्भर करती है विटामिन बी 3 पर। इसे नायसिन अथवा निकोटेनिक एसिड भी कहते हैं। यह विटामिन बी कांपलेक्स का एक