मुंह में बदबू, त्वचा रुखी तो सावधान
यदि आपकी त्वचा रूखी है। दांतों की चमक खत्म हो रही है, दांत कमजोर हो रहे हैं, मसूड़े नीले पड़ रहे हैं, मुंह से बदबू आती
है आंखों के नीचे गड्ढे और कालापन है तो सावधान हो जाइए। शरीर में विटामिन सी की कमी हो सकती है। इसे हल्के से नहीं लें, लंबे समय तक इसकी
कमी बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। कई रोगों को जन्म दे सकती है। इसलिए अपने
खानपान पर ध्यान दें। शरीर में बहुत से रोग खान-पान में कमी से होते हैं। अच्छा
भोजन मिलने पर स्वत: ही ठीक हो जाते है।
दुनिया के जाने माने वैज्ञानिकों की यही राय है। विटामिन सी शरीर के लिए कितना उपयोगी है, अनुमान इस बात से
लगा सकता हैं कि यह अस्थियों में पाउडर पदार्थों और अस्थि मज्जा के निर्माण में
सहायक है। इसकी कमी से अस्थि मज्जा ढीले तंतुओं के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण अवरुद्ध हो जाता है। अस्थियों में परिवर्तन आने लगता
है। यह दांतों के निर्माण और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। तभी तो जो शिशु बाहरी दूध पर
पलते हैं, उनके दांत देर से निकलते हैं क्योंकि उनके खान-पान में इस
विटामिन की कमी रहती है। ऐसे शिशुओं को अगल से फलों का रस दें।
अमेरिका के डाक्टर
होई के अनुसार विटामिन सी की
न्यूनता से मसूड़े, एनेमल और डेंटीन प्रभावित होते हैं। फिश और हैरिश ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में
परीक्षणों के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि विटामिन सी की कमी से दांतों में परिवर्तन
आने लगता है, डेंटाइन और एनिमल
नष्ट होने लगते हैं।
विटामिन सी के और बहुत से कार्य हैं। यह कोशिकाओं के
आक्सीकरण में सहायक है, लाल रक्त कणिकाओं के परिपक्वन में सहायक है, अस्थि मज्जा के
निर्माण में सहयोग करती है। लौह लवण के शोषण में सहायक है। फोलिक एसिड को फोलेनिक
एसिड में बदलती है। एड्रीनल ग्रंथि के
हार्मोन के संश्लेषण में सहायक है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। इसकी कमी से
त्वचा की चमक चली जाती है। उसमें रुखापन रहता है। भरपूर नींद लेने के बाद भी थकान
रहती है। लंबे समय तक इसकी कमी से शरीर
में खून की कमी, स्कर्वी और रिकेट्स रोग हो जाते हैं।
जाने-माने दंत रोग विशेषज्ञ डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के
सदस्य, एसएन मेडिकल कालेज के दंत रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा.
एसके कठेरिया के अनुसार दांतों में पायरिया पौष्टिक भोजन नहीं मिलने, दांतों की ठीक से
सफाई और कुल्ला नहीं करने पर होता है। पौष्टिक भोजन से मतलब भोजन में उचित मात्रा
में प्रोटीन, वसा, मिनरल और विटामिन सी से है। यदि किसी को
पायरिया हो गया तो जितनी बार भी खाना खाएं उतनी ही बार दांतों की सफाई करें। दांतों में भोजन के अंश नहीं रहने दें। अच्छे
टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें और हर छह महीने बाद दंत चिकित्सकों को चेक कराते रहें।
जहां तक विटामिन
सी की उपलब्धता की बात है यह कोई दुर्लभ चीज नहीं है। प्राय सभी रसीले फलों, खासतौर से
साइट्रस समूह के फलों जैसे संतरा, मौसमी, नीबू, अमरूद, कमरख, चकोतरा, टमाटर और हरी सब्जियों
में मिलती है। चौलाई की सब्जी, सहजन की पत्तियों
और नीम में खूब मिलती है। सबसे ज्यादा आंवला और उससे थोड़ी कम अमरूद में मिलती
है।
यह भी याद रखें कि इस विटामिन का शरीर में भंडारण नहीं होता है, शरीर को जितनी जरूरत होती है, उतनी ही विटामिन सी ग्रहण करता है। बाकी मूत्र के रास्ते बाहर निकल जाती है। इसलिए यह विटामिन नियमित रूप से लेना नही भूलें।
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