सपने सुहाने

डा. सुरेंद्र सिंह
एक मंत्री जी लोगों को खासतौर से युवाओं को रेबड़ी की तरह सपने बांट रहे थे, -‘‘जिंदगी में यदि बड़ा बनना है तो बड़े से बड़े सपने देखिए। जब तक ऐसा नहीं करेंगे, बड़े नहीं बन सकते। सपने जरूरी है’’।  सपनदास तो कब से बड़ा बनने की चाह लिए हुए है। उसकी तो मानो बिन मांगे मुराद पूरी हो गई।  कोई तो मिला जो बड़े आदम बनने की सलाह दे रहा है, वरना तो सभी की यही कोशिश रहती है कि केवल वही बड़ा बना रहे, दूसरे सभी उससे नीचे रहें। 
सपनदास ने ठान ली, मैं इस आदमी की बात जरूर मानूंगा, किसी और की बात मानूं या न मानूं। इसकी बातों में सार है। लिहाजा सायं को खूब अच्छी तरह खा पीकर और भजन-पूजन करके सोया। भगवान से वायदा भी किया कि आज अच्छा सा बड़ा होने का सपना दिखा दे सवा सौ रुपये का प्रसाद बाटूंगा। लेकिन उस रात कोई सपना ही नहीं आया। आधी से ज्यादा रात तो सपने के इंतजार में ही बीत गई इसके बाद जब आंख खुली तो दिन निकल चुका था। दफ्तर लेट पहुंचा और अफसर की डांट खानी पड़ी।  उसे ऐसी गुस्सा आई कि अपना मूड़ फोड़ ले। पूरी रात में साला एक सपना नहीं। बाकी रातों में न चाहने पर भी सपने पर सपने आते रहते हैं, ठीक से नींद तक नहीं आ पाती।  
टीवी के एक चैनल पर कार्यक्रम के आयोजक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को प्रोत्साहित कर रहे थे, आपके सारे सपने जरूर पूरे होंगे। कार्यक्रम भी क्या शानदार था। कलाकार सर्कस वालों को मात दे रहा था। सपनदास बोला- ‘‘इसका सपना तो वैसे ही पूरा हो गया, जिसका सपना पूरा हो गया, उसके सपने पूरे होने की बात क्या कहना’’।
अखबार में एक दिन विज्ञापन छपा, ‘‘हम से मिलिए, सपने पूरे करिए’’। सपनदास ने आव देखा न ताव। सारे काम छोड़ अखबार के दफ्तर पहुंचा। अखबार वालों ने कहा-‘‘ यह सपने हम नहीं फलां डांस कंपनी पूरे करती है’’। वह दौड़ा-दौड़ा गया। कंपनी वालों ने कहा, -‘‘हमारे यहां डांस सीखिए। सपने पूरे हो ही जाएंगे’’। -‘‘कितने दिनों में?’’ -‘‘यह आपके ऊपर निर्भर है। मेहनत करिए’’।
सपने तरह-तरह के होते हैं। सपने साजन के भी होते हैं और सपने सुहाने भी। कोई कहता है कि सपने का असर उल्टा होता है। यदि सपने में धनवान बन गए तो जिंदगी में कंगाल और यदि सपने में कंगाल हो गए तो जिंदगी में मालामाल। कोई कहता है कि सुबह के सपने सच होते हैं। किसी-किसी को दिन में सपने आते हैं। 
सपनों की माया बड़ी विचित्र है। कोई-कोई सपने बेचता है, दूसरों को सपने दिखाता है और अपने सपने पूरे कर लेता है। सपने हर कोई देखता है लेकिन पूरे कोई-कोई ही कर पाता है। मेरा पड़ोसी ज्योतिषी हमेशा सपनों में ही रहता है। दूसरों को सपने दिखाता रहता है, उनके द्वारा देखे गए सपनों  के फल भी बताता है लेकिन उसका अपना सपना कभी पूरा नहीं होता दिखता।

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